गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस मौजूदा एमएसएमई की प्रणाली को कर रहा है मजबूत
>जीईएम का उद्देश्य विक्रेताओं को ई-भुगतान की सुविधा दिलाना है
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों, महिला उद्यमियों, स्व-सहायता समूहों, महिला स्व-सहायता समूहों, 'मुद्रा' के तहत विभिन्न ऋण लाभार्थियों तथा स्टैंड-अप इंडिया' योजना के लाभ के लिए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के साथ एक समझौताज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समझौता-ज्ञापन पर कल नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते से सिडबी हितधारकों के साथ मिलकर वुमनिया' और स्टार्ट-अप रनवे जैसे जीईएम की विशेष पहलों को प्रोत्साहन मिलेगा। इस अवसर पर जीईएम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तल्लीन कुमार ने कहा कि सिडबी जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे एमएसएमई, सूक्ष्म उद्यमों, स्टार्टअप, शिल्पकारों को फायदा पहुंचेगा। शिल्पकार अब मुक्त, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी आधारित मंचों से बिक्री कर सकेंगे। जीईएम का उद्देश्य है कि इन विक्रेताओं को ई-भुगतान की सुविधा मिले। इस सुविधा के जरिए कार्यशील पूंजी भी उपलब्ध होगी। शुरूआत में यह सुविधा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से प्राप्त होगी। इस कदम एमएसएमई और स्टार्ट-अप में तेजी से विकास होगा। सिडबी के अध्यक्ष और महानिदेशक श्री मोहम्मद मुस्तफा ने जीईएम के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि स्व-सहायता समूहों, महिला उद्यमियों, शिल्पकारों, गैर-सरकारी संगठनों, स्टार्ट-अप और अन्य क्षेत्रों से जुड़कर जीईएम मौजूदा एमएसएमई की प्रणाली को मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस समझौते से जीईएम साझेदार एजेंसियों के कर्मियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने में सफल होगा।