सिद्धांतविहीन राजनीति समाज और नेता दोनों के लिए है घातक: योगी आदित्यनाथ

> कानपुर के डीएवी कॉलेज में बनेगा सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस, प्रदेश सरकार कर रही सहयोग



 
लखनऊ - परम श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपई जी की प्रथम पुण्य तिथि पर लोक भवन परिसर लखनऊ में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के आवाहन पर हुआ। लोक भवन प्रांगड़ में स्वर्गीय अटल बिहारी जी के चित्र पर पुष्पांजलि प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने अर्पित कर अटल संकल्प लिया। मुख्यमंत्री योगी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, शहरी विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, महापौर संयुक्ता भाटिया, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन अवनीश अवस्थी, डॉ महेश शर्मा  व शासन के अन्य मंत्रियों ने अटल जी के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की। 
पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद लोक भवन सभागार में श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम आयोजित था जिसका संचालन उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने किया। डॉ दिनेश शर्मा ने श्रद्धांजलि सभा में कहा कि, सबका साथ सबका विकास की नीव अटल जी ने ही रखी थी। इस एक वर्ष की अवधि में उनकी स्मृति कर हमें विश्वास नहीं होता की वे अब हमारे बीच नहीं हैं। अटल जी के इरादों की तरह अटल रह कर ही पार्टी ने आज जनता का विश्वास प्राप्त किया। अटल जी ने बहुत पहले कहा था कि हम पूर्ण बहुमत से आएंगे और आज यही हुआ। दिनेश शर्मा ने कहा, लखनऊ का रंग-रंग अटल जी में व्याप्त है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस अवसर पर कहा, अटल जी के चरणों में शत - शत नमन करता हूँ। मौर्य ने कहा, मैं ये नहीं मानता कि वे अब नहीं रहे, हाँ बेशक सशरीर नहीं रहे लेकिन हम सबके विचारों में जीवित हैं और आगे भी रहेंगे। अटल जी ने अपने जीवन में जो बातें कही आज हम उन पर अमल कर रहे हैं। मौर्य ने कहा, किसी को अटल जी के साथ काम करने का अवसर मिला तो कही किसी को उनका दिलार पाने का मौका मिला। अटल जी ने कहा था, कांग्रेस के मित्रों आज हम पर हँस रहे हो क्यूँकि आज हम पर सीटें नहीं हैं लेकिन एक दिन देखना भारतीय जनता पार्टी पूर्ण बहुमत से आएगी। मौर्य ने कहा,  अटल जी की जिह्वा में भारत माता विद्यमान रहती थी। आज आप सब देख रहे हैं की अटल जी का आशीर्वाद लगातार बरस रहा है। मौर्य ने कहा कि, अटल जी को कभी अहंकार नहीं था, इससे देशवासियों को प्रेरणा लेनी चाहिए की सार्वजनिक जीवन में अहंकार नहीं करना चाहिए।
विधान सभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने श्रद्धांजलि सभा में कहा कि, अटल जी के बारे में सैकड़ों संस्करण सुनाये जा सकते हैं। सब लोग अपने अपने अनुभवों के माध्यम से अटल जी को याद करेंगे।  नारायण जी ने अटल जी के अपने अनुभवों को साझा किया और कहा, अटल जी की प्रेस क्लिपिंग देखने लायक होती थी, किस तरह वे उत्तर देते थे। मीडिया बिना उत्तर पाए आनंदित हो जाता था। अटल जी कहते थे कि भारतीय जन संघ को हमने और लाखों कार्यकर्ताओं ने अपने पसीने से खड़ा किया है, ये आम दल नहीं है। सूर्य दिन भर चला चारों दिशाओं में प्रकाश डालता रहा। जब साँझ आयी सूर्य ने मुड़ कर देखा कि अब कौन प्रकाश फैलाएगा। इसी अंधकार से जन संघ उजाला लाने के लिए संघर्ष करता रहा । जब भारतीय जनता पार्टी का उदय हुआ तो अटल जी ने कहा कि, अब हम दीपक नहीं सूर्य के प्रकाश से काम करेंगे। वो अटल जी ही थे जिन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में संस्कार का विलय किया।



भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी बाजपई जी की प्रथम पूर्ण तिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सभी उपस्थित गड़मान्य अतिथियों के स्वागत के बाद मुख्यमंत्री योगी ने कहा की मृज कर्णकम की पंक्ति अटल जी के स्वभाव पर सही बैठती है। वो पंक्तियाँ हैं 'मैं मरने से नहीं डरता अगर डरता हूँ तो बदनामी से डरता हूँ।' आज़ादी के बाद राजनीतिक जीवन में 6 दशक से अधिक समय तक जिस ईमानदारी जिस पारदर्शिता और जिस प्रतिबद्धता के साथ मूल्यों और आदर्शों की राजनीती करते हुए अटल जी ने व्यतीत किए वह सार्वजनिक जीवन में कार्य करने वाले उन सभी कार्यकर्ताओं के लिए आज एक पाठ है। अटल जी अपनी कविता के माध्यम से कहते थे - आदमी न ऊँचा होता है, आदमी न नीचा होता है ! आदमी सिर्फ आदमी होता है ! पता नहीं इस सत्य को दुनिया क्यों नहीं जानती और अगर जानती है तो मन से क्यों नहीं मानती। इससे फ़र्क नहीं पड़ता की आदमी कहाँ खड़ा है, फ़र्क इससे पड़ता है वह जहाँ खड़ा है य उसे जहाँ खड़ा होना पड़ा है, वहाँ उसका धरातल क्या है ! एक पत्रकार के रूप में, एक कवि के रूप में, एक राजनेता के रूप में, जन संघ व भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में, एक मंत्री के रूप में और एक प्रधानमंत्री के रूप में अटल बिहारी बाजपेयी जी के कई रूप इस दुनिया ने देखे हैं लेकिन अटल अपने नाम के अनुरूप ही अटल रहे। अटल जी के प्रति सम्मान का भाव हर ओर देखने को मिलता था। अटल जी के सानिध्य में संसद में भी और पार्टी में भी कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ, योगी बोले। जिस जम्मू कश्मीर के बारे में अटल जी ने अपनी कविताओं के माध्यम से समय-समय पर अपने अंतःकरण के भाव समाज के समक्ष प्रस्तुत किये थे, आज जम्मू कश्मीर में जब धरा ३७० को समाप्त किया जाता है तो सचमुच अटल जी के लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि मानी जानी चाहिए। क्योंकि जब जन संघ के अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुख़र्जी ने एक देश में दो प्रधान दो निशान और दो विधान नहीं चलेंगे का  नैरा दिया था और जम्मू कश्मीर की परमिट पद्यति के खिलाफ एक अभियान छेड़ा था तब डॉ श्यामा प्रसाद मुख़र्जी के साथ उनके सहयोग में अगर कोई खड़ा था वो अटल बिहारी बाजपयी जी ही थे। तब अटल जी ने कहा था की 'स्वर्णित से इतिहास लिखना है, पलीपप पर निर्भय पाओं आज रखना है, आओ अखण्ड भारत के वासी आओ कश्मीर बुलाता त्याग उदासी आओ।' कश्मीर के बारे में अटल जी के भाव इस पंक्ति के माध्यम से स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैंए योगी बोले। हम  आभारी हैं प्रधानमंत्री मोदी जी के जिन्होंने अटल जी की पहली पुण्यतिथि के पहले ही कश्मीर से धारा 370 हटाकर भारत के एकता का एक नया उदहारण प्रस्तुत करके अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। अपने नेता के प्रति इससे बड़ी श्रद्धांजलि और नहीं हो सकती। सरकार ने अटल जी के नाम पर कुछ कार्यक्रम प्रारम्भ किये थे। जैसे लखनऊ का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम इकाना का नामकरण हमने श्रद्धेय अटल बिहारी जी के नाम पर किया है। प्रदेश के अंदर मेडिकल शिक्षा के लिए एक मेडिकल विश्वविद्यालय की स्थापना हम लखनऊ में करने जा रहे हैं, इसके लिए आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ की जा चुकी है, फण्ड का प्रावधान हमने अपने बजट में किया है। अटल जी की पहली कर्मभूमि जनपद बलरामपुर में केजेएमयू का एक सैटेलाइट सेंटर और बाद में उसे मेडिकल कॉलेज के रूप में स्थापित करने की कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी है उसके लिए ज़मीन की व्यवस्था भी की जा चुकी है। २५ दिसंबर को अटल जी की जन्मतिथि के अवसर पर इसी लोक भवन में अटल जी की २५ फुट की भव्य प्रतिमा का लोकार्पण लोक भवन प्रांगड़ में होने जा रहा है। इसके साथ ही प्रदेश के १८ कमिशनरी मुख्यालयों पर रजिस्टर्ड श्रमिकों के बच्चों को आवासीय विद्यालय की व्यवस्था कर उन्हें प्रशिक्षित कर योग्य बनाएंगे। श्रद्धेय अटल जी के नाम पर ये १८ विद्यालयों के निर्माण की कार्यवाही प्रदेश सरकार ने प्रारम्भ की है। सिद्धांतविहीन राजनीति मौत का फंदा है जो समाज और नेता दोनों के लिए घातक है, अटल जी का ये भाव उस काल खंड में भी उतना हे प्रासंगिक था जितना आज है।   अगर राजनीती  मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित नहीं होगी, स्वार्थों पर आधारित होगी तो यह अविश्वास का प्रतीक बनेगा। राजनेता यदि स्वार्थी हो जाएगा तो समाज को भंग होने से कोई रोक नहीं सकता। अटल जी ने आदर्शों की राजनीति को बढ़ावा दिया जिसका परिणाम है कि देश के अंदर एक सरकार आदरणीय मोदी जी के नेतृत्व में कार्य कर रही है, जो सरकार भारत को दुनिया की महाशक्ति बनाने की ओर अग्रसर है। अटल जी की कर्म भूमि कानपुर के डीएवी कॉलेज के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के माध्यम से उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने धन राशि उपलब्ध कराई है। प्रदेश सरकार अटल जी की कर्मभूमियों पर अनेकों विकास के कार्य कर आम जन के जीवन स्तर उठाने में प्रयासरत है। ऐसे राजनेता परम श्रद्धेय अटल जी को मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। ये कहते हुए मुख्यमंत्री ने अपनी वाणी को विराम दिया।  इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, अटल जी ने ही प्रधानमंत्री सड़क योजना, सैनिकों को शहादत और किसान क्रेडिट कार्ड देश को दिया। स्वतंत्र देव सिंह बोले, अटल जी का सपना आज नरेन्द्र मोदी और अमित शाह पूरा कर रहे हैं।   


अटल जी के साथ कार्य करने वाले कार्यकर्ता भी श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित थे इनमें -



१.विद्यासागर गुप्ता (पूर्व विधायक)
२.सुरेश 
३.मनोहर सिंह 
४.प्रदीप भार्गव 
५. अमित पूरी 
६.विनोद बाजपाई 
७.संयुक्त भाटिया 
८.पूर्णिमा वर्मा 
९.नानक चंद 
१०.राजेंद्र तिवारी 
११.रंजना द्धिवेदी 
१२.रामकुमार शुक्ल 
१३.गोपालजी टंडन 
१४.सुरेश तिवारी 
१५.अनीता अग्रवाल 
१६ .प्रशांत अटल


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