बाढ़ पीड़ितों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए: मुख्यमंत्री योगी

>मुख्यमंत्री ने जनपद बलिया में बाढ़ राहत कार्यों का जायजा लिया।


>प्रशासनिक अधिकारी बाढ़ व कटान के पीड़ितों को 12 घंटे के अंदर मुआवजा दें : मुख्यमंत्री


>जल स्तर कम होते ही नदी की धारा को डाइवर्ट करने सम्बन्धी प्रोजेक्ट पर विचार किया जाएगा : मुख्यमंत्री



लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को जनपद बलिया के दूबेछपरा में बाढ़ राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने पूरे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करने के उपरान्त पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण भी किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पीड़ितों को पर्याप्त राहत सामग्री का वितरण किए जाने के साथ ताजा भोजन और स्वच्छ पेयजल की भी व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी सहायता के लिए प्रशासन तथा जनप्रतिनिधि उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए कि पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री तैयार रखी जाए। बाढ़ पीड़ितों को ताजा भोजन और स्वच्छ पेयजल के साथ दवाओं और आवागमन के लिए पर्याप्त नौकाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पशुओं के लिए चारा और उनकी चिकित्सा संबंधी तैयारी भी पूरी तरह दुरुस्त रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल स्तर अभी भी बढ़ सकता है। ऐसे में कटान प्रभावित क्षेत्रों में कटान रोकने की भी तैयारी पूरी रहे। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र सिंह ने बाढ़ पीड़ितों के लिए लंगर शुरू कराया है, जो सराहनीय है। उन्होंने प्रशासन को भी इस प्रकार की पहल में हर संभव सहयोग देने के निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ व कटान में जिनका नुकसान हुआ है तो उनको 12 घंटे के भीतर मुआवजा दिया जाए। इसमें तनिक भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राहत कार्य के लिए धन की कोई कमी नहीं है। सभी जनपदों में पर्याप्त धनराशि पहले से ही दी जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल हो रही कटान को रोकने के लिए स्थायी समाधान किया जाएगा। फिलहाल जल स्तर काफी ज्यादा है, लिहाजा अभी राहत कार्यों पर ज्यादा जोर दिया जाए। लेकिन जैसे ही जल स्तर कम होगा, नदी की धारा को डाइवर्ट करने सम्बन्धी प्रोजेक्ट पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाढ़ और कटान की समस्या के स्थायी समाधान के लिए पिछले दो वर्षों में 08 जगहों पर ऐसा सफल प्रयास किया जा चुका है। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण व जनपद के प्रभारी मंत्री अनिल राजभर, राज्यसभा सांसद नीरज शेखर व सकलदीप राजभर, अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।



बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करने के उपरान्त पीड़ितों के बीच राहत सामग्री का वितरण किया।


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