ड्रिप सिंचाई के माध्यम से खेती की उर्वरता को अक्षुण्ण बनाये रखने में मदद मिलेगी: मुख्यमंत्री
> मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा की।
> बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जलाशयों की डीसिल्टिंग की जाए : मुख्यमंत्री
लखनऊ (का ० उ ० सम्पादन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते मंगलवार को लोक भवन में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2019-20 में नहर परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से और पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नहरों की सफाई के दौरान निकलने वाली सिल्ट को नीलाम करके उससे प्राप्त धनराशि को विभाग की आय का एक स्रोत बनाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है। इसलिए आवश्यक है कि किसानों को ड्रिप सिंचाई के प्रति जागरूक किया जाए तथा इस कार्य के लिए सिंचाई विभाग कृषि विभाग के साथ समन्वय करे। ड्रिप सिंचाई के माध्यम से खेती की उर्वरता को अक्षुण्ण बनाये रखने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जलाशयों की डीसिल्टिंग की जाए। उन्होंने कहा कि जहां आवश्यक हो, वहां तालाब खोदकर जल संचयन किया जाए। वर्षा जल प्रत्यक्ष भूजल रीचार्ज का प्रमुख कारक है। सतही एवं भूजल संसाधनों से की जाने वाली सिंचाई से भी आंशिक रूप से भूजल रीचार्ज होता है। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह, जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव ओलख, प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन टी वेंकटेश, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।