उत्तर मध्य रेलवे के झाँसी कारख़ाने एवं 3 डिवीजनों के कोचिंग डिपो द्वारा बनाए गए 2500 मास्क

卐 उत्तर मध्य रेलवे ने COVID-19 (कोरोना वायरस) के सामुदायिक प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक प्रयास किए तेज।

卐 रेल मंत्री एवं अध्यक्ष रेलवे बोर्ड ने 14.04.20 तक विस्तारित लॉकडाउन अवधि के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा की।

卐 24 मार्च की तारीख पर चलीं 300 माल गाड़ियां।

 


प्रयागराज (मुख्य संवाददाता, उ म रे)। दिनांक 24.03.20 को मा प्रधानमंत्री द्वारा पूरे देश में घोषित 21 दिनों के अभूतपूर्व लॉकडाउन के मद्देनजर राष्ट्र की सबसे बड़ी परिवहन प्रणाली भारतीय रेल ने माल के आवश्यक परिवहन, संरक्षा से संबंधित अनिवार्य रखरखाव, रेलवे के कार्यबल में अभी भी ड्यूटी कर रहे रेल कर्मियों में कोविड -19 के प्रसार से बचने के लिए कदम, अन्य विषयों के दृष्टिगत अपनी रणनीति की समीक्षा की। इस संबंध में रेल मंत्री, अध्यक्ष रेलवे बोर्ड  और बोर्ड के सदस्यों द्वारा जोनल रेलवे और उत्पादन इकाइयों के महाप्रबंधकों एवं मंडल रेल प्रबंधकों के साथ बुधवार 25.03.20 को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित करते हुए चर्चा की गई। इस महामारी से लड़ने के लिए  भारतीय रेलवे द्वारा लिए गए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय हैं जिनमें देश भर में 21 दिनों के लॉकडाउन के मद्देनजर सभी यात्री सेवाएं 14.04.20 के 24 बजे तक रद्द रहेंगी। माल के राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के रूप में, भारतीय रेलवे ने कोयला, खाद्यान्न, पेट्रोलियम, फल और सब्जियां,  दूध सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की पूरे राष्ट्र में पर्याप्त  आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अपना प्रयास तेज कर दिया है। लॉकडाउन के बावजूद आपूर्ति और मांग की चेन में असंतुलन रोकने के लिए उ म रे  ने 24.03.2020 को करीब 300 माल गाड़ियों को चलाया। 14.04.2020 के 24:00 बजे तक किसी भी प्रकार के टिकटों की बुकिंग निलंबित है। 14.04.2020 के 24:00 बजे के बाद ऑनलाइन टिकट बुकिंग की अनुमति दी गयी है। रेलवे परिसर और बाहर के सभी आरक्षित और अनारक्षित टिकट काउंटर भी 14.04.2020 की आधी रात तक बंद रहेंगे। 30.04.2020 तक भारतीय रेलवे ने कंटेनर रेक और फ्लैट वैगनों के खाली दिशा में हॉलेज चार्ज को समाप्त कर दिया है ताकि कम शुल्क में पूरे देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनी रहे। रेलवे बोर्ड ने पहले ही रेक के लोडिंग और अनलोडिंग के लिए अनुमत समय को दोगुना कर दिया है, ताकि इन गतिविधिओं में सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए कम स्टाफ के साथ लोडिंग / अनलोडिंग की जा सके, साथ ही देरी के लिए जुर्माने की दर मौजूदा दर से आधी कर दी गई है। मैन्युअल रूप से बुक किए गए माल की डिलीवरी को आसान बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में, रेलवे बोर्ड ने एक पत्र एवं कंसाइनर से आरआर की स्कैन की गई कॉपी साथ कन्साइनी को माल रिलीज़ करने की अनुमति दी है और ये डॉक्युमेंट डिलीवरी एंड तक इलेक्ट्रॉनिक रूप  से भेजा जा सकता है। कंसाइनर से लेटर (माल की बुकिंग) में कन्साइनी के वेरिफिकेशन के लिए नाम, पदनाम, आधार नंबर, पैन और जीएसटीआईएन की जानकारी  होगी ताकि बुक किए गए सामान सही हाथों में पहुँच सकें। रेल मंत्रालय द्वारा यह तय किया गया कि,  रेल सेवाओं के निलंबन / लॉकडाउन की समाप्ति य इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा अन्य निर्देशों के अनुसार ट्रेनों, स्वच्छता, पैंट्री कारों, स्टेशनों, कार्यालयों और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों में ऑन बोर्ड हाउस कीपिंग सर्विसेज (ओबीएचएस) जैसी सेवाएं प्रदान करने में लगे अनुबंधित और आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने के लिए उनको 'ड्यूटी पर' माना जाएगा और कठिनाइयों को कम करने के लिए उनका भुगतान किया जाएगा। यह जनशक्ति के आधार पर दिए गए अनुबंधों पर लागू होगा। लम्पसम आधार पर किए गए अनुबंधों के लिए (यानी जनशक्ति के आधार पर नहीं), अधिकतम भुगतान जो किया जा सकता है वह अनुबंध मूल्य के 70% तक होगा। रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सेवाओं / लॉकडाउन के निलंबन के कारण संविदा कर्मचारी और आउटसोर्स कर्मचारी हटाए न जाएं। रेलवे बोर्ड ने उत्पादन इकाइयों को पहले ही आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे अस्पताल के साधारण बिस्तर, अस्पतालों के लिए मेडिकल ट्रॉलियों और क्वारंटाइन सुविधाओं, आई वी स्टैंड, स्ट्रेचर, अस्पताल के फुटस्टेप, अस्पताल के बेडसाइड लॉकर्स, स्टैंडयुक्त वॉशबेसिन, वेंटिलेटर, पीपीई जैसे मास्क, सैनिटाइजर, पानी की टंकी आदि के निर्माण की संभावना पर काम करें। उ म रे ने लगभग 2500 मास्क पहले से ही झाँसी कारख़ाने एवं तीन डिवीजनों के कोचिंग डिपो द्वारा बनाए गए हैं। हैंड सैनिटाइजर बनाने के लिए कच्चे माल की व्यवस्था की जा रही है  और यह प्रयास भी किये जा रहे हैं कि इनके उत्पादन दर में वृद्धि की संभावना पर भी कार्य किया जा सके। महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने अन्य विभाग से भी यह देखने को कहा है कि वो भी इस कठिन समय में क्या योगदान दे सकते हैं। उत्तर मध्य रेलवे में आवश्यक सेवाओं के संचालन के दौरान सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जा रहा है। सभी कार्यस्थलों, लोकोमोटिव, मालगाड़ियों के गार्ड वैन, नियंत्रण कार्यालयों, स्टेशनों, आवश्यक सामानों, संचालन के लिए आवश्यक अन्य इंस्टालेशन आदि को नियमित रूप से सेनेटाइज़ किया जा रहा है। यात्री सेवाओं के पूर्ण निलंबन के कारण उ म रे के 3 डिवीजनों में 80 खाली रेक बंद हालत में खड़े हैं। आरपीएफ कर्मी किसी भी अराजक घटना के दृष्टिगत इन रेक की सुरक्षा पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। इसी तरह उ म रे के सभी 405 स्टेशनों की सुरक्षा हेतु रेलवे सुरक्षा बल कार्यरत है। उ म रे ने दैनिक आधार पर अपने सभी कर्मचारियों के स्वास्थ्य की स्थिति और फ्लू से संबंधित लक्षणों की निगरानी के लिए एक प्रोटोकॉल भी जारी किया है। प्रत्येक विभाग को दैनिक आधार पर स्व-घोषणा आधारित सभी कर्मचारियों को कवर करते हुए विवरण प्रस्तुत करने को कहा गया है, ताकि फ्लू, खांसी और सर्दी जैसे लक्षणों से पीड़ित किसी भी कर्मचारी को तुरंत चिकित्सा सहायता की व्यवस्था हो। इससे रेलवे कर्मचारियों के बीच कोविड-19 के प्रसार को कम करने में मदद मिलेगी। नीती अयोग कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल उपकरणों के लिए सभी राज्यों की मांगों को एकत्रित कर रहा है। रेलवे बोर्ड ने सभी ज़ोन और उत्पादन इकाइयों को कहा है कि वे संबंधित ज़ोन में रेलवे अस्पतालों के लिए इस तरह के उपकरणों की माँग का आंकलन करें और तुरंत रेलवे बोर्ड को भेजें। महाप्रबंधक श्री चौधरी ने सभी अधिकारियों से कहा कि हम सभी रेलकर्मी सामाजिक दूरी, आत्म-अनुशासन और अन्य दिशानिर्देशों का सख्ती से का पालन करें और अपने कार्यबल को स्वस्थ और प्रेरित रखें ताकि रेलवे इस अंतरराष्ट्रीय संकट के समय में अपने कर्तव्य का निर्वहन कर सके।

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