रोजगार मुहैया कराने के लिए कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए : मुख्यमंत्री
> मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर रोजगार सृजन के संबंध में प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया।
> राज्य लौटने वाले श्रमिकों के कौशल विकास का विवरण इकट्ठा किया जा रहा है : मुख्यमंत्री
> अन्य प्रदेशों से उत्तर प्रदेश वापस राज्य लौट रहे श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराना होगा : मुख्यमंत्री
> हर गाँव में अपना तालाब बनाया जाए, जिसमें बरसाती जल का संचयन किया जाए : मुख्यमंत्री
> स्वयं सहायता समूहों को सिलाई, बुनाई, कढ़ाई का प्रशिक्षण देने के साथ - साथ उन्हें रेडीमेड गारमेण्ट्स को तैयार करने के सम्बन्ध में भी प्रशिक्षण दिया जाए : मुख्यमंत्री
> ग्रामीण उत्पादों की पैकेजिंग और ब्राण्डिंग पर भी ध्यान दिया जाए : मुख्यमंत्री
> उत्तर प्रदेश की 90 लाख एमएसएमई यूनिट्स को प्रोत्साहन देना होगा : मुख्यमंत्री
> विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत विभिन्न प्रकार के रोजगार सृजित किए जाएं : मुख्यमंत्री
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष गुरुवार 7 मई को उनके सरकारी आवास पर 'उत्तर प्रदेश में रोजगार सृजन परिदृश्य' पर केन्द्रित प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न विषम परिस्थितियों के चलते अन्य प्रदेशों में कार्यरत उत्तर प्रदेश के श्रमिक वापस राज्य लौट रहे हैं। ऐसे में, उन्हें स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य लौटने वाले श्रमिकों के कौशल विकास का विवरण इकट्ठा किया जा रहा है। इसका उपयोग करते हुए उन्हें उनके कौशल से सम्बन्धित क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा जैसी योजनाओं के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित किया जा सकता है। इसके तहत हर गाँव में कम्पोस्ट खाद का निर्माण कर ग्राम पंचायत उसे बेचकर अपनी आय में इजाफा कर सकती है। साथ ही, पौधों की नर्सरी स्थापित करने से भी रोजगार मिल सकेगा। ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से भी रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं। हर गाँव में अपना तालाब बनाया जाए, जिसमें बरसाती जल का संचयन किया जाए। इससे उस गाँव के जल की आवश्यकता की पूर्ति की जा सकती है। तालाबों की खुदाई से भी लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाँवों में मौजूद महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण देते हुए उनके कौशल का विस्तार किया जाए, ताकि यह समूह उपयोगी बन सके। स्वयं सहायता समूहों को सिलाई, बुनाई, कढ़ाई का प्रशिक्षण देने के साथ - साथ उन्हें रेडीमेड गारमेण्ट्स को तैयार करने के सम्बन्ध में भी प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रेडीमेड गारमेण्ट्स से सम्बन्धित व्यापक गतिविधियां संचालित हो सकें। इस गतिविधि के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण उत्पादों की पैकेजिंग और ब्राण्डिंग पर भी ध्यान दिया जाए, ताकि इन्हें वांछित लोकप्रियता मिले। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्यम स्थापित कर बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के अलावा दुग्ध समितियों का गठन कर रोजगार मुहैया कराने के अवसर तलाशे जाएं। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत विभिन्न प्रकार के रोजगार सृजित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 90 लाख एमएसएमई यूनिट्स मौजूद हैं, इन्हें प्रोत्साहन देना होगा। इनके माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित किया जा सकता है। ओडीओपी योजना भी रोजगार मुहैया कराने में कारगर साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि रोजगार मुहैया कराने के लिए कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए और श्रमिकों को प्रशिक्षित भी किया जाए। इसके लिए कम अवधि के कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएं। उन्होंने कॉमन सर्विस सेण्टर को सुदृढ़ किया जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग की सुविधाएं उनके माध्यम से उपलब्ध कराई जाएं। इन्हें ग्राम सचिवालय के रूप में विकसित किया जाए। मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने रोजगार सृजन एवं आर्थिक विकास की रणनीति के सम्बन्ध में अवगत कराया कि विभिन्न विभागों की रोजगार एवं प्रशिक्षण सम्बन्धी वर्तमान योजनाओं का सघन अनुश्रवण किया जा रहा है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को प्रभावीशाली बनाकर ग्राम स्तर पर वृहद रूप से प्राथमिक एवं द्वितीय वस्तुओं का नियोजित उत्पादन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके अलावा, कौशल विकास मिशन के माध्यम से आवश्यकतानुसार लघु अन्तराल के सघन प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री को विगत माह आयोजित रोजगार समिति की बैठक के अनुरूप रोजगार सृजन हेतु विभागवार लक्ष्यों के विषय में भी अवगत कराया गया। इन विभागों में एनआरएलएम, ओडीओपी, एमएसएमई, उद्यान एवं फल संरक्षण, समाज कल्याण विभाग स्वरोजगार योजना, कौशल विकास मिशन, उ प्र खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, मनरेगा (कन्वर्जेन्स) नवाचार (जैव ऊर्जा बोर्ड) आदि शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल एवं संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास व पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह, प्रमुख सचिव पशुधन भुवनेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।