किसी आपात स्थिति से निपटने की सारी व्यवस्था पहले से की जाए: मुख्यमंत्री
> मुख्यमंत्री ने बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा की।
> अति संवेदनशील तथा संवेदनशील जनपदों में बाढ़ कण्ट्रोल रूम स्थापित किए जाएं।
> बाढ़ के दौरान सर्पदंश की घटना रोकने हेतु एण्टी वेनम वैक्सीन की उपलब्धता पर्याप्त संख्या में सुनिश्चित की जाए।
> बाढ़ की सम्भावना वाले जनपदों, क्षेत्रों में स्थापित किए गए तटबंधों की लगातार निगरानी की जाए।
> राहत और बचाव के लिए बड़े आकार की नौकाओं की व्यवस्था करने के निर्देश।
> राहत आयुक्त को प्रत्येक जनपद में कण्ट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश।
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने गुरुवार 18 जून को यहां अपने सरकारी आवास पर बाढ़ पूर्व तैयारियों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाढ़ से बचाव के सम्बन्ध में किए जा रहे सभी कार्य समय रहते पूर्ण कर लिए जाएं। बाढ़ के प्रति अति संवेदनशील तथा संवेदनशील जनपदों में बाढ़ बचाव से सम्बन्धित तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया जाए। किसी आपात स्थिति से निपटने की सारी व्यवस्था पहले से की जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी जनपदों में बाढ़ कण्ट्रोल रूम स्थापित किए जाएं और इन्हें निरन्तर एक्टिव रखा जाए। उन्होंने कहा कि कोविड सेण्टर्स की तरह ही सभी जनपदों में आवश्यकतानुसार आश्रय स्थलों की स्थापना की जाए, जहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक जनपद के बाढ़ संवेदनशील स्थलों को चिन्हित करते हुए इनकी निरन्तर निगरानी की जाए। किसी भी हाल में जनधन की हानि न होने पाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ के दौरान सर्पदंश की अनेक घटनाएं होती हैं। अत: सभी जनपदों में एण्टी वेनम वैक्सीन की उपलब्धता पर्याप्त संख्या में सुनिश्चित की जाए। प्रमुख सीएचसी में भी एण्टी वेनम और एण्टी रेबीज वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ की सम्भावना वाले जनपदों, क्षेत्रों में स्थापित किए गए तटबंधों की लगातार निगरानी की जाए। वहां निगरानी चौकियां स्थापित की जाएं, जिनमें सिंचाई विभाग तथा पुलिस के लोग पेट्रोलिंग करें। एण्टी सोशल तत्वों द्वारा तटबंधों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा सकता है। ऐसे में तटबंधों की प्रभावी निगरानी अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने बाढ़ के प्रति अति संवेदनशील और संवेदनशील जनपदों में राहत और बचाव के लिए बड़े आकार की नौकाओं की व्यवस्था करने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए। उन्होंने राहत केन्द्रों तथा बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों के लिए पेट्रोमैक्स की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्रस्त लोगों को ऐसी खाद्यान्न किट उपलब्ध करायी जाए, जो कोरोना लॉकडाउन के दौरान लोगों को उपलब्ध करायी गयी है। इस किट में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न तथा अन्य सामग्री होनी चाहिए, ताकि लोगों को असुविधा न हो। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाढ़ बचाव की तैयारियां पूरी करने के लिए अभी एक माह का समय है। इसलिए कार्यों में तेजी लाते हुए इन्हें पूरा किया जाएकोई कार्य पेण्डिंग न रहेउन्होंने प्रदेश की सभी नदियों की ड्रेजिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे चैनलाइजेशन होता है और पानी निकलने में आसानी होती है। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी ने बाढ़ पूर्व तैयारियों के प्रबन्धन एवं समन्वय से सम्बन्धित विभागों, जिनमें सिंचाई एवं जल संसाधन, केन्द्रीय जल आयोग, भारतीय मौसम विभाग, रिमोट सेन्सिंग, राहत, राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल, गृह, पुलिस, राजस्व, खाद्य एवं रसद, कृषि, पशुपालन तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शामिल हैं, के प्रमुख सचिवों से बाढ़ बचाव की तैयारियों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री जी ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को सभी जनपदों के अस्पतालों तथा प्रमुख सी0एच0सी0 पर एण्टी वेनम तथा एण्टी रैबीज वैक्सीन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रमुख सचिव कृषि से कृषि विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों की जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि बाढ़ की सम्भावना वाले क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए इन स्थलों के गोवंश के लिए पर्याप्त मात्रा में भूसे और चारे की व्यवस्था कर ली जाए। उन्होंने राहत आयुक्त को प्रत्येक जनपद में कण्ट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश देते हुए कहा कि यह कण्ट्रोल रूम लगातार एक्टिव मोड में रहें। उन्होंने प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद को बाढ़ प्रभावितों को उपलब्ध करायी जाने वाली खाद्यान्न किट के सम्बन्ध में सभी तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों को उपलब्ध करायी जाने वाली खाद्यान्न किट में किसी भी प्रकार की कमी न रहे। मुख्यमंत्री जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, सीतापुर, गोण्डा तथा बाराबंकी के जिलाधिकारियों से उनके जनपदों में की जा रही बाढ़ पूर्व तैयारियों तथा बाढ़ बचाव के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी ली। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में करायी जा रही बाढ़ पूर्व तैयारियों को समय से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ द्वारा बाढ़ बचाव कार्यों के सम्बन्ध में सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री जी के समक्ष बाढ़ पूर्व तैयारियों के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतीकरण भी किया गया। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डॉ महेन्द्र सिंह, जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव ओलख, बाढ़ नियंत्रण राज्य मंत्री विजय कश्यप, मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव कृषि देवेश कुमार चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव सिंचाई टी वेंकटेश, प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद श्रीमती वीणा कुमारी मीणा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस पी गोयल तथा संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।