कोविड-19 के नियंत्रण के सम्बन्ध में वाराणसी मण्डल में अच्छा कार्य हुआ है इसे और बेहतर करें : मुख्यमंत्री
> मुख्यमंत्री ने वाराणसी मण्डल के जनपदों में कोविड-19 के संक्रमण, नियंत्रण व कोविड मरीजों के इलाज हेतु किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री जी के वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर एवं चन्दौली के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश :
> मण्डल के सभी जनपदों में एल-1 व एल-2 अस्पताल विकसित हों : मुख्यमंत्री
> कोविड अस्पतालों में टीवी लगवाएं, इसके साथ न्यूज पेपर भी रखवाएं : मुख्यमंत्री
> 05 से 15 जुलाई, 2020 के दौरान डोर-टू-डोर सर्वे में चिन्हित सभी की तत्काल सैम्पलिंग करा ली जाए : मुख्यमंत्री
> प्राइवेट नर्सिंग होम से जो केस रेफर होकर आते हैं, उसकी केस हिस्ट्री भी साथ भेजी जाए : मुख्यमंत्री
> प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के पर्यवेक्षण के लिए लोकल स्तर पर अधिकारियों की तैनाती की जाए : मुख्यमंत्री
> स्वास्थ्य विभाग के लिए अवसर है कि वह मरीजों की बेहतर से बेहतर सेवा कर अपने को साबित करे : मुख्यमंत्री
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रवासी व निवासी दोनों को कार्य मिले ..... मुख्यमंत्री जी ने कहा स्ट्रीट वेण्डर के लिए 10 हजार ऋण की योजना से वेण्डरों को लाभ दिलाएं।
कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों का व्यापक एण्टीजन टेस्ट करें ......
मुख्यमंत्री जी ने कहा हर जिले में हजारों की संख्या में एण्टीजन किट दी गई हैं, उनसे जांच किया जाए। सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राइवेट अस्पताल आदि स्थलों पर बूथ बनाकर कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों का व्यापक एण्टीजन टेस्ट करें। बनारस के 90 वार्डों में प्रत्येक में दो-दो टीम लगाएं और डोर-टू-डोर सर्वे कराकर कोविड संदिग्ध मिलने वाले लोगों का रैपिड टेस्ट कराएं।
बीएचयू ऐसा कार्य करे कि वह दूसरों के लिए अनुकरणीय हो : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीएचयू और जिला प्रशासन के सहयोग से पूर्वांचल सहित अन्य क्षेत्रों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा दी जा सकती है। बीएचयू, एल-3 लेवल के अस्पताल में बेडों में वृद्धि की जाए। आरटीपीसीआर के टेस्ट बढ़ाएं, बीएचयू को राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव सहयोग मिलेगा।
लखनऊ (सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने रविवार 26 जुलाई 2020 को जनपद वाराणसी में बीएचयू सभागार में वाराणसी मण्डल के जनपदों में कोविड-19 के संक्रमण, नियंत्रण व कोविड मरीजों के इलाज हेतु किए जा रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी मण्डल में कोविड-19 के नियंत्रण के सम्बन्ध में अच्छा कार्य हुआ है, इसे और अच्छा करना है। बीएचयू व जिला प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय हो। इससे पूर्वांचल सहित अन्य क्षेत्रों को भी बेहतर चिकित्सा सुविधा दी जा सकती है। बीएचयू, एल-3 लेवल के अस्पताल में बेडों में वृद्धि की जाए। नॉन कोविड ओपीडी संचालित हो। सीनियर डॉक्टर भी कोविड मरीजों का विजिट करें। उन्होंने आरटीपीसीआर के टेस्ट बढ़ाने पर बल देते हुए कहा कि बीएचयू को राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव सहयोग मिलेगा। बीएचयू ऐसा कार्य करे कि वह दूसरों के लिए अनुकरणीय हो। मुख्यमंत्री ने कोविड संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर तत्काल उसे आइसोलेट कर चिकित्सा सुविधा देने पर जोर देते हुए कहा कि मण्डल के सभी जनपदों में एल-1 व एल-2 अस्पताल विकसित हों, जिनमें ऑक्सीजन व वेण्टीलेटर की समुचित व्यवस्था रहे। ऑक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था 48 घण्टे रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में स्वच्छता पहला मानक हो। अस्पताल में बेडशीट बदलने, समय पर खाना, डॉक्टर का राउण्ड, शौचालय की साफ-सफाई, समय से दवाई, ऑक्सीजन चेकअप आदि कार्य हों। क्वारण्टीन में रहने के लिए मरीजों को प्रतिदिन 100 रुपए खाने का तथा डॉक्टरों को 500 रुपए प्रतिदिन व्यय का प्रावधान है। उन्होंने सुझाव दिया कि कोविड अस्पतालों में टीवी लगवाएं। इसके साथ ही उन्होंने कोविड अस्पतालों में न्यूज पेपर भी रखवाएं जाने के निर्देश दिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ेगी, मरीजों में विश्वास बढ़ेगा और इससे मरीजों को ठीक होने की दर भी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी एक महत्वपूर्ण मण्डल है। यहां बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग व डोर-टू-डोर सर्वे पर विशेष जोर देते हुए इसे सफलता से संचालित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रभावी सर्विलांस से इंसेफ्लाइटिस जैसी घातक बीमारी में 90 फीसदी कमी आयी है। 05 से 15 जुलाई, 2020 के दौरान डोर-टू-डोर सर्वे में जिन लोगों को चिन्हित किया गया है, उन सभी का तत्काल सैम्पलिंग करा ली जाए। हर जिले में हजारों की संख्या में एण्टीजन किट दी गई हैं, उनसे जांच किया जाए। सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राइवेट अस्पताल आदि स्थलों पर बूथ बनाकर कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों का व्यापक एण्टीजन टेस्ट करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के संक्रमण को रोकना है। बनारस के 90 वार्डों में प्रत्येक में दो-दो टीम लगाएं और डोर-टू-डोर सर्वे कराकर कोविड संदिग्ध मिलने वाले लोगों का रैपिड टेस्ट कराएं। इससे मरीज की शीघ्र पहचान होगी और उसे चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करायी जा सकेगी। इससे मृत्यु दर में भी कमी आएगी। इस महामारी में स्वास्थ्य विभाग के लिए अवसर है कि वह मरीजों की बेहतर से बेहतर सेवा कर अपने को साबित करे। कोविड व नॉन कोविड अस्पताल अलग-अलग बिल्डिंग में हों। मुख्यमंत्री जी ने बीएचयू में अन्य रोगों के इलाज हेतु भी ओपीडी चालू किए जाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन की शर्तों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएं। शवों का निस्तारण कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी मरीज को अस्पताल में इंतजार न करना पड़े। प्राइवेट नर्सिंग होम से जो केस रेफर होकर आते हैं, उसकी केस हिस्ट्री भी साथ भेजी जाए। कण्टेनमेण्ट जोन की एरिया स्थानीय स्तर पर परिस्थिति के अनुसार जिला प्रशासन तय कर सकता है और वहां कोविड नियमों का कड़ाई से पालन कराएं। स्वास्थ्य टीम डोर-टू-डोर सर्वे करे, सर्विलांस के दौरान जनता से सीधा संवाद करे और उन्हें जागरुक करे। शनिवार और रविवार को बन्दी के दौरान व्यापक स्तर पर स्वच्छता व सैनिटाइजेशन का अभियान चलाया जाए। स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जेलों में संक्रमण नहीं फैले इसके लिए अस्थायी जेल बनाएं। जहां पहले नए कैदी को कुछ समय रखा जाए। फोर्स व पुलिसकर्मियों को संक्रमण से बचाव की कार्यवाही हो। छुट्टी से वापस आने वालों का चेकअप हो। कोविड-19 का उल्लंघन करने वालों के प्रति सख्ती से इंफोर्समेंट करें। दो गज की दूरी, मास्क जरूरी का अनुपालन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत नवम्बर तक नि:शुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था है। पात्रों को खाद्यान्न मुहैया हो सके, इसके पर्यवेक्षण के लिए लोकल स्तर पर अधिकारियों की तैनाती की जाए। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रवासी व निवासी दोनों को कार्य मिले। मनरेगा में प्रदेश में रिकॉर्ड कार्य हुआ है। 65 लाख मानव दिवस एक-एक दिन में सृजित हुए। प्रदेश में 40 लाख कामगार अथवा श्रमिक आए, जिन्हें घर तक सकुशल पहुंचाया गया। स्ट्रीट वेण्डर के लिए 10 हजार ऋण की योजना से वेण्डरों को लाभ दिलाएं। कण्टेनमेण्ट जोन में होमगार्ड, पीआरडी जवान, सिविल डिफेंस व एनसीसी के लोगों का उपयोग करें, ताकि सिविल पुलिस अपराध नियंत्रण कार्य में अधिक समय दे सके। पेड हॉस्पिटलों को चेक करें, मनमानी नहीं होने पाए। बैठक में वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर एवं चन्दौली के जिलाधिकारियों ने अपने जिलों में कोविड-19 के संक्रमण एवं उससे बचाव तथा मरीजों के इलाज के दृष्टिगत की गई व्यवस्थाओं एवं कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर, पर्यटन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ नीलकंठ तिवारी, स्टाम्प एवं न्यायालय शुल्क राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रविन्द्र जायसवाल सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।