आत्मनिर्भर कानपुर अभियान का ये प्रयास रहेगा कि कानपुर नगर फिर से मैनचेस्टर बने
> आत्मनिर्भरता के लिए प्रभावी कार्य योजनाओं को बनाकर धरातल पर ला रहा है कानपुर विश्वविद्यालय : कुलपति
> जो व्यापार से शैक्षिक का संबंध टूट गया था, इसे पुनः स्थापित किया जा रहा है : संयुक्त आयुक्त उद्योग
कानपुर। आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाते हुए छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय आत्मनिर्भर कानपुर बनाने की संकल्पना को मूर्त रूप दे रहा है। इसी कड़ी में आज आत्मनिर्भर कानपुर की प्रभावी रणनीतियां विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया l वेबीनार का शुभारंभ शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी, कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता, संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला, एमएसएमई निदेशक एल बी एस यादव और संयोजक आत्मनिर्भर कानपुर डॉ सुधांशु राय द्वारा किया गयाl मुख्य वक्ता अतुल कोठारी ने इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि भारत में शायद पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जिसने सर्वप्रथम जनपद स्तर पर आत्मनिर्भर होने का एक संकल्प लिया है। इससे प्रेरणा लेकर अब भारत के 6 विश्वविद्यालय और आत्मनिर्भर जनपद की राह पर आगे कदम बढ़ा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर पर एक कमेटी का गठन किया गया है जिसमें कानपुर से विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती नीलिमा गुप्ता भी हैं। उद्योग के अनुभव को आत्मनिर्भरता में समाहित करने के प्रयास होंगे। इस अभियान में गांव और किसान को भी जोड़ा जाएगा l आत्मनिर्भर कानपुर की संरक्षक एवं कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर लगभग 3000 युवा पंजीकृत हो चुके हैं, अब हमारा प्रयास रहेगा कि आत्मनिर्भर कानपुर के समन्वयक इन युवाओं को उद्योगों में समाहित कराने का प्रयास करें l देश के अन्य विश्वविद्यालयों के सापेक्ष कानपुर विश्वविद्यालय अग्रणी पायदान पर है और आत्मनिर्भरता के लिए प्रभावी कार्य योजनाओं को बनाकर धरातल पर ला रहा हैl बहुत जल्द ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए विश्वविद्यालय में आत्मनिर्भर कानपुर पर एक महत्वपूर्ण विचार विमर्श का आयोजन किया जाएगा l कानपुर हाट और आत्मनिर्भर प्रदर्शनी का भी विश्वविद्यालय में आयोजन होगा l आत्मनिर्भर कानपुर के संयोजक डॉ सुधांशु राय ने कहा की अभियान के साथ उद्योग विभाग उत्तर प्रदेश, एमएसएमई, एफएफडीसी और टैक्सटाइल इंस्टीट्यूट जैसे संस्थान अत्यंत उत्साह के साथ अभियान में जुड़ चुके हैं जो अभियान को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे l उद्यमियों का डाटा बैंक बनाया जा रहा है जिसमें आईआईए का पूर्ण सहयोग हैl जिला प्रशासन, आईआईटी और कृषि विश्वविद्यालय को भी जोड़ने का प्रयास हो रहा है l विशिष्ट अतिथि संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला ने कहा कि छात्रों की भावनाओं और इच्छाओं को पहचान कर उन्हें उचित रोजगार दिलाना प्रथम प्रयास रहेगा और जो व्यापार से शैक्षिक का संबंध टूट गया था। इसे पुनः स्थापित किया जा रहा है और जो भी चीजें हमारे देश में इंपोर्ट होती हैं उन चीजों का सब्सीट्यूट बनाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। एमएसएमई के निदेशक एल बी एस यादव ने प्रवासियों तथा छात्रों एवं व्यापारियों का समुचित मार्गदर्शन एवं विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। मर्चेंट चेंबर के पूर्व अध्यक्ष डॉ इंद्र मोहन रोहतगी ने निम्न व मध्य लोगों को प्राथमिकता से रोजगार में अवसर देने की बात कही। टैक्सटाइल इंस्टीट्यूट के निदेशक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार कानपुर को टेक्निकल टैक्सटाइल का हब बनाने का विचार कर रही है। कानपुर के प्रमुख उद्योगपति बलराम नरूला ने बताया कि उद्योग जगत गंभीरता के साथ कार्य कर रहा है और हम कदम से कदम मिलाकर आगे आने वाले समय में कानपुर की आर्थिक जगत में एक अलग पहचान दिलाने का प्रयास करेंगे। फिल्म बोर्ड के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव के प्रतिनिधि गर्वित नारंग के अनुसार कानपुर को फिल्म सिटी के रूप में प्रस्तुत करने का पूर्ण प्रयास किया जा रहा है। आत्मनिर्भर कानपुर के सह संयोजक टीकम चंद सेठिया ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि हम कानपुर नगर को फिर से मैनचेस्टर बनाएं और आत्मनिर्भरता प्रदान करें l गोपाल तुलस्यान ने उपस्थित सभी सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया l कार्यक्रम का संचालन दीनदयाल शोध केंद्र के निदेशक डॉ श्याम बाबू गुप्ता ने किया l इस अवसर पर व्यापारी कल्याण बोर्ड सदस्य सुनील गुप्ता, पीएसआईटी वाईस चेयर पर्सन निर्मला सिंह, सुभाष खन्ना, अर्पणा कटियार, डॉ आशीष श्रीवास्तव, डॉ कामायनी शर्मा, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, पूजा गुप्ता, सुरभी द्विवेदी, अनुराधा सिंह, कविता दीक्षित, शिखा अग्रवाल, नीतू गुप्ता, शिवांगी द्विवेदी, डॉ अमरजीत मित्रा, डॉ मंजू जैन, डॉ सरोज पांडे सहित विभिन्न स्वयंसेवी संगठन एवं उद्यमी उपस्थित रहे।