सरयू नहर परियोजना फेज-III एवं अर्जुन सहायक परियोजना अन्तर्गत प्रक्षेत्र विकास की कार्य योजना को स्वीकृति


> सरयू नहर परियोजना फेज-III के अन्तर्गत 03 वर्षों में 1672.69 करोड़ रुपए व्यय कर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के 08 जनपदों में कुल 4.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर प्रक्षेत्र विकास कार्य किया जाना है।


दैनिक कानपुर उजाला


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद ने सरयू नहर परियोजना फेज-III एवं अर्जुन सहायक परियोजना के अन्तर्गत प्रक्षेत्र विकास कार्य कराए जाने की कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी। सरयू नहर परियोजना फेज-III के अन्तर्गत 03 वर्षों (वर्ष 2020-21 से वर्ष 2020-23) में 1672.69 करोड़ रुपए व्यय कर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के 08 जनपदों-गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर एवं गोरखपुर में कुल 4.80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर प्रक्षेत्र विकास कार्य किया जाना है। इसके अन्तर्गत 25,920 किमी कच्ची गूल, 6,012 कि0मी0 पक्की गूल, 24,048 जल नियंत्रक संरचना, 48,000 हे0 क्षेत्र में माइक्रो इरीगेशन, 96,000 हे0 जल निकास नाली आदि का निर्माण होना है। इसके अन्तर्गत कुल 7,038 गाँवों के 6,13,937 कृषक लाभान्वित होंगे। अर्जुन सहायक परियोजना के अन्तर्गत 03 वर्षों (वर्ष 2020-21 से वर्ष 2020-23) में 188.96 करोड़ रुपए व्यय कर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 02 जनपदों हमीरपुर व महोबा में कुल 0.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर प्रक्षेत्र विकास कार्य किया जाना है। इसके अन्तर्गत 2920 किमी कच्ची गूल, 677 किमी पक्की गूल, 2710 जल नियंत्रक संरचना, 5410 हे क्षेत्र में माइक्रो इरीगेशन, 10.82 हजार हे जल निकास नाली आदि का निर्माण होना है। इसके अन्तर्गत कुल 216 गाँवों के 53,080 कृषक लाभान्वित होंगे। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरयू नहर परियोजना फेज-III हेतु 500 करोड़ रुपए तथा अर्जुन सहायक परियोजना हेतु 100 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है। दोनों योजनाओं पर उत्पन्न व्यय भार केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 50:50 के अनुपात में वहन किया जाना है। दोनों योजनाओं का क्रियान्वयन भारत सरकार द्वारा निर्धारित योजना की गाइडलाइन्स तथा संगत विनियमों/नियमों/दिशा-निर्देशों के अन्तर्गत किया जाना है। योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता उच्च गुणवत्ता, समयबद्धता तथा उच्च तकनीकी विशिष्टता सुनिश्चित किए जाने की व्यवस्था की गई है।


Popular posts from this blog

उ0प्र0 सरकारी सेवक (पदोन्नति द्वारा भर्ती के लिए मानदण्ड) (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2019 के प्रख्यापन को मंजूरी

उ प्र सहकारी संग्रह निधि और अमीन तथा अन्य कर्मचारी सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली, 2020 प्रख्यापित

कोतवाली में मादा बंदर ने जन्मा बच्चा