गंगा को दूषित कर रहे नाले, योजनाएं फेल
> सरसैया घाट पर ही दूषित पानी एकत्र, स्नान करना दूर आचमन को भी शुद्ध पानी नहीं
दैनिक कानपुर उजाला
कानपुर। रोक के बाद भी धड़ल्ले से गंगा में कई नाले गिर रहे हैं। साथ ही बस्तियों का भी दूषित पानी गंगा में जा रहा है। हालत यह है कि शहर का प्रमुख सरसैया घाट तक दूषित पानी से अछूता नहीं है। स्नान करना दूर आचमन तक के लिए शुद्ध पानी नहीं है। गंगा का जलस्तर गिरने के साथ ही कई जगह नालों की हकीकत खुल गयी है। जल निगम ने करोड़ों रुपये खर्च करके 14 दिसंबर 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शहर आगमन पर गंगा में गिर रहे नालों को स्थायी और अस्थायी रूप से बंद कर दिया था। बोट से गंगा में प्रधानमंत्री ने अटल घाट से सीसामऊ नाला तक निरीक्षण किया था इस दौरान एक - एक नाले बंद हो गए थे यहां तक की बस्तियों का पानी भी रोक दिया गया था। इसके बाद फिर वही स्थिति हो गयी है। रोक के बाद भी धड़ल्ले से गंगा में नाले गिर रहे हैं। परमट नाला कई दिनों से गंगा में गिर रहा है। यह तब है जब कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने खुद मौके पर पहुंचकर नाला बंद करने को कहा था। बीच - बीच में सीसामऊ नाला भी गिरने लगता है। इसके अलावा डबका, रानी घाट, वाजिदपुर, बुढ़िया घाट समेत कई जगह नाले और बस्तियों का पानी गिर रहा है। वहीं सिविल लाइंस और ग्रीनपार्क के पास वी.आई.पी. रोड में सीवर लाइन ओवरफ्लो होने के कारण दूषित पानी भर जाता है। दो साल से ज्यादा समय से सीवर लाइन ओवर फ्लो हो रही है। अफसरों के पास एक ही रटा - रटाया जवाब की मुख्य सीवर लाइन को ठीक किया जा रहा है। जल निगम के महाप्रबंधक बृजेश कुमार गर्ग ने बताया कि सीवर लाइन की ठीक करने को लेकर परमट नाला गिर रहा होगा। इसको दिखवा लेते हैं। सभी नाले स्थायी और अस्थायी रूप से बंद हैं। अस्थायी नालों को बंद करने के लिए शासन को 48 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। पैसा मिलते ही बचे नालों को भी स्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा।