पॉलीटेक्निक संस्थाओं में 1,357 पदों पर नियुक्ति हेतु अधियाचन उ.प्र. लोक सेवा आयोग को भेजा जा चुका है
मुख्यमंत्री ने प्रधानाचार्यों, कर्मशाला अधीक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों के इन पदों पर शीघ्र तैनाती की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए
AICTE विनियम 2019 के अनुसार 7वें वेतनमान की संस्तुतियों को लागू किये जाने का मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया था निर्णय
प्राविधिक शिक्षा विभाग (डिप्लोमा सेक्टर) द्वारा AICTE विनियम - 2019 के लागू होने के उपरान्त अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं की विनियमावली में प्रस्तावित संशोधन के संबंध में -
> मुख्यमंत्री ने AICTE विनियम - 2019 के लागू होने के उपरान्त अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं की विनियमावली में प्रस्तावित संशोधन को तत्काल पूर्ण करने के निर्देश दिए।
> राजकीय एवं अनुदानित / सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थाओं की शैक्षणिक पदों हेतु सेवा नियमावली / विनियमावली बनाए जाने / संशोधन किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव अलग - अलग संचालित किए गए : सचिव, प्राविधिक शिक्षा
फार्मेसी के डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति प्रदान करने के सम्बन्ध में -
> फार्मेसी के डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति प्रदान करने के सम्बन्ध में फार्मा कोर्सां को तत्काल अद्यतन किया जाए : मुख्यमंत्री
> किसी भी संस्था द्वारा अनापत्ति अप्लाई करने पर इसका भली - भांति परीक्षण कर ही अनापत्ति प्रदान की जाए : मुख्यमंत्री
> कोरोना महामारी के दृष्टिगत फार्मा सेक्टर में फार्मा कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों की अच्छी मांग है, डिमांड के अनुसार, संस्थाओं द्वारा संचालित कोर्स को अपग्रेड करना आवश्यक है : मुख्यमंत्री
> फार्मेसी कॉउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा वर्ष 2019 में फार्मेसी के नवीन संस्थाओं की स्थापना पर अनुमोदन देने पर 05 वर्ष तक रोक लगायी गयी है।
> अलग से राज्य सरकार द्वारा संस्थाओं को एन.ओ.सी. निर्गत किए जाने की आवश्यकता नहीं होगी : फार्मेसी कॉउन्सिल ऑफ इंडिया
प्राविधिक शिक्षा विभाग (डिप्लोमा सेक्टर) द्वारा AICTE विनियम - 2019 के लागू होने के उपरान्त अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं की विनियमावली में प्रस्तावित संशोधन के संबंध में -
> मुख्यमंत्री ने AICTE विनियम - 2019 के लागू होने के उपरान्त अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं की विनियमावली में प्रस्तावित संशोधन को तत्काल पूर्ण करने के निर्देश दिए।
> राजकीय एवं अनुदानित / सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थाओं की शैक्षणिक पदों हेतु सेवा नियमावली / विनियमावली बनाए जाने / संशोधन किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव अलग - अलग संचालित किए गए : सचिव, प्राविधिक शिक्षा
फार्मेसी के डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति प्रदान करने के सम्बन्ध में -
> फार्मेसी के डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति प्रदान करने के सम्बन्ध में फार्मा कोर्सां को तत्काल अद्यतन किया जाए : मुख्यमंत्री
> किसी भी संस्था द्वारा अनापत्ति अप्लाई करने पर इसका भली - भांति परीक्षण कर ही अनापत्ति प्रदान की जाए : मुख्यमंत्री
> कोरोना महामारी के दृष्टिगत फार्मा सेक्टर में फार्मा कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों की अच्छी मांग है, डिमांड के अनुसार, संस्थाओं द्वारा संचालित कोर्स को अपग्रेड करना आवश्यक है : मुख्यमंत्री
> फार्मेसी कॉउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा वर्ष 2019 में फार्मेसी के नवीन संस्थाओं की स्थापना पर अनुमोदन देने पर 05 वर्ष तक रोक लगायी गयी है।
> अलग से राज्य सरकार द्वारा संस्थाओं को एन.ओ.सी. निर्गत किए जाने की आवश्यकता नहीं होगी : फार्मेसी कॉउन्सिल ऑफ इंडिया
दैनिक कानपुर उजाला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के समक्ष रविवार 11 जुलाई को उनके सरकारी आवास पर प्राविधिक शिक्षा विभाग (डिप्लोमा सेक्टर) द्वारा ए.आई.सी.टी.ई. विनियम - 2019 के लागू होने के उपरान्त अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं की विनियमावली में प्रस्तावित संशोधन तथा फार्मेसी के डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए "राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति" (एन.ओ.सी.) प्रदान करने के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप ही पॉलिटेक्निक / फार्मेसी के कोर्स डिजाइन किए जाएं। उन्होंने कहा कि डिमाण्ड के अनुसार ही इन संस्थाओं द्वारा संचालित कोर्स को अपग्रेड करना आवश्यक है। इसके साथ ही, शिक्षा की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, अन्यथा अच्छी जनशक्ति की उपलब्धता के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न सेक्टरों में उपलब्ध रोजगार के दृष्टिगत पॉलीटेक्निक संस्थानों द्वारा संचालित कोर्स को उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों की अच्छी मांग है। आवश्यकता इस बात की है कि तकनीकी शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थियों की क्षमताएं उच्च गुणवत्ता की हों। इससे उनके रोजगार पाने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत फार्मा सेक्टर में फार्मा कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों की अच्छी मांग है। उन्होंने फार्मा के कोर्सां को समय की मांग के अनुसार अद्यतन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि फार्मा कोर्स पासआउट्स की भविष्य में अच्छी डिमांड रहेगी। उनके रोजगार पाने की प्रबल संभावनाएं मौजूद हैं। अतः फार्मा कोर्सां को तत्काल अद्यतन किया जाए। मुख्यमंत्री के समक्ष प्राविधिक शिक्षा सचिव आलोक कुमार ने प्रस्तुतीकरण करते हुए अवगत कराया कि मंत्रिपरिषद के निर्णय के क्रम में राजकीय एवं अनुदानित / सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थाओं में शैक्षणिक पदों हेतु ए.आई.सी.टी.ई. के विनियम 2019 के अनुसार 7वें वेतनमान की संस्तुतियों को लागू किये जाने और इसके अनुक्रम में राजकीय एवं अनुदानित पॉलीटेक्निक संस्थाओं की सेवा नियमावली / विनियमावली बनाए जाने का निर्णय लिया गया था। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि मंत्रिपरिषद के निर्णय के क्रम में राजकीय एवं अनुदानित / सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थाओं की शैक्षणिक पदों हेतु सेवा नियमावली / विनियमावली बनाए जाने / संशोधन किए जाने सम्बन्धी प्रस्ताव अलग - अलग संचालित किए गए। मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को 23 जून, 2021 को प्रधानाचार्यों, कर्मशाला अधीक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों के कुल 1,357 पदों पर नियुक्ति हेतु अधियाचन भेजा जा चुका है। इस पर मुख्यमंत्री जी ने इन पदों पर शीघ्र तैनाती की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अनुदानित / सहायता प्राप्त पॉलीटेक्निक संस्थाओं हेतु विद्यमान विनियमावली - 1996 (यथासंशोधित) में संशोधन की कार्यवाही तत्काल पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री को फार्मेसी के डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए "राज्य सरकार द्वारा अनापत्ति" (एन.ओ.सी.) प्रदान करने के सम्बन्ध में अवगत कराते हुए सचिव प्राविधिक शिक्षा ने कहा कि वर्तमान में फार्मेसी कॉउन्सिल ऑफ इंडिया द्वारा वर्ष 2019 में फार्मेसी के नवीन संस्थाओं की स्थापना पर अनुमोदन देने पर 05 वर्ष तक रोक लगायी गयी है। पी.सी.आई. द्वारा फार्मेसी की पूर्व से संचालित संस्थाओं में "प्रवेश क्षमता में वृद्धि" एवं "नये फार्मेसी पाठ्यक्रम को संचालित" करने में छूट प्रदान की गयी है। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पी.सी.आई. ने अपने 31 दिसम्बर, 2020 के सर्कुलर में यह प्राविधानित किया है कि यदि राज्य सरकार शासनादेश जारी कर एन.ओ.सी. की व्यवस्था को समाप्त करती है तो अलग से राज्य सरकार द्वारा संस्थाओं को एन.ओ.सी. निर्गत किए जाने की आवश्यकता नहीं होगी।