DISCOMs / Power विभागों की परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करना चाहती है सरकार
दैनिक कानपुर उजाला
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक सुधार - आधारित और परिणाम - लिंक्ड, पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है। यह योजना आपूर्ति बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए DISCOMs को सशर्त वित्तीय सहायता प्रदान करके निजी क्षेत्र के DISCOMs को छोड़कर सभी DISCOMs / Power विभागों की परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करना चाहती है। सहायता पूर्व-योग्यता मानदंडों को पूरा करने के साथ - साथ वित्तीय सुधारों से जुड़े सहमत मूल्यांकन ढांचे के आधार पर मूल्यांकन किए गए DISCOM द्वारा बुनियादी न्यूनतम बेंचमार्क की उपलब्धि पर आधारित होगी। योजना का कार्यान्वयन "एक आकार - सभी के लिए फिट" दृष्टिकोण के बजाय प्रत्येक राज्य के लिए तैयार की गई कार्ययोजना पर आधारित होगा। इस योजना का परिव्यय 3,03,758 करोड़ रुपये होगा, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से 97,631 करोड़ रुपये का अनुमानित ग्रॉस बजटरी सपोर्ट (जी.बी.एस.) होगा। यह प्रस्तावित है कि जम्मू और कश्मीर (जम्मू और कश्मीर) और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पी.एम.डी.पी. - 2015 के साथ आई.पी.डी.एस., डी.डी.यू.जी.जे.वाई. की योजनाओं के तहत वर्तमान में चल रही स्वीकृत परियोजनाओं को इस योजना में शामिल किया जाएगा, और उनकी जी.बी.एस. की बचत (लगभग 17000 करोड़ रुपये) मौजूदा नियमों और शर्तों के तहत 31 मार्च, 2022 को समाप्त होने तक पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना के कुल परिव्यय का हिस्सा होगा। इन योजनाओं के तहत धन आई.पी.डी.एस. के तहत और पहचान की गई परियोजनाओं के लिए तथा प्रधानमंत्री विकास कार्यक्रम (पी.एम.डी.पी.) के तहत चल रही परियोजनाओं के लिए उपलब्ध होगा। केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू - कश्मीर और लद्दाख के लिए 31 मार्च, 2023 तक आई.पी.डी.एस. और डी.डी.यू.जी.जे.वाई. के तहत पहचानी गई परियोजनाओं को लाभ मिलेगा। पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना का उद्देश्य पूर्व - योग्यता मानदंडों को पूरा करने और बुनियादी न्यूनतम बेंचमार्क प्राप्त करने के आधार पर आपूर्ति बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए DISCOMs को परिणाम से जुड़ी वित्तीय सहायता प्रदान करके परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करना है। यह योजना वर्ष 2025 - 26 तक उपलब्ध रहेगी। योजना के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के लिए आर.ई.सी. और पी.एफ.सी. को नोडल एजेंसियों के रूप में नामित किया गया है।